रेवाड़ी में एक दस साल की मासूम बच्ची के लिए न्यायधीश मोहित अग्रवाल किसी भगावन से कम नहीं. न्यायधीश के प्रयास से मासूम बच्ची ना केवल अपने परिजनों से मिल पाई बल्कि उस महिला को भी सलाखों के पीछे भेज दिया गया जिसने इस मासूम पर जुल्म करने की सारी हदें पार कर दी थीं.
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